Saturday, January 10, 2009

आंसू -१




निशान
बाकी रहें
इसीलिए गीलापन
ज़रूरी है बहुत

सूखी रेत पर
क्या रहेंगे
अभी हैं
अभी हवा का स्पर्श पाते ही
चुक जायेंगे

निशान
बाकी रहें
इसीलिए तो.....!!

यूँ ही नहीं बिछाता आया हूँ मैं
आँसू
तुम्हारी राह में !!

1 comment:

  1. यूँ ही नहीं बिछाता आया हूँ मैं
    आँसू
    तुम्हारी राह में .........


    बहुत खूब

    ReplyDelete