Vartika Nanda Travelogue: Bhopal to Bhimbetka: 20 April, 2024
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।।। Bhopal to Bhimbetka ।।।
एक शहर जो हैरान करता है। भोपाल वही शहर है। इस बार इस शहर से लगे भीमबेतका को
दैखा और अब तक मेरी हैरानी चरम पर है।
The Bhimbe...
1 day ago
अचानक दिख गयी तस्वीर वो जो थी हकीकत,
ReplyDeleteफिर दिखा वो आइना किरचें समेटे ज्यों का त्यों
टूटा हुआ था !....बहुत बढ़िया लगी यह पंक्तियाँ सुन्दर अभिव्यक्ति शुक्रिया
भीगते तो अश्क बन कर बह भी जाते,
ReplyDeleteरूह के फैले अंधेरों में बेमकसद, फिर रहें हैं !
ओह! बहुत बेहतरीन अभिव्यक्ति!
आज की रात कटेगी तो सहर देखूँगा .nice
ReplyDeleteसलाम है आपकी अद्भुत लेखन कला को...दिल की गहराईयों को आप शब्द इतनी आसानी से दे देते हैं की हैरानी होती है...कमाल की रचना है ये आपकी...जितनी प्रशंशा करें कम ही होगी...वाह सागर जी वाह...
ReplyDeleteनीरज
अब वही सूखे से कतरे आँख में फिर तिर रहें हैं
ReplyDeleteभीगते तो अश्क बन कर बह भी जाते,
रूह के फैले अंधेरों में बेमकसद, फिर रहें हैं !
बहुत खूब बढिया रचना