साहित्य अमृत (मासिक): नवंबर, 2024: तिहाड़ जेल की बंदिनियां (रिपोर्ताज):
पेज- 92- 95: ISSN: 2455-1171: UGC CARE List
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* साहित्य अमृत (मासिक): नवंबर, 2024: तिहाड़ जेल की बंदिनियां (रिपोर्ताज):
पेज- 92- 95: ISSN: 2455-1171: UGC CARE List*
साहित्य अमृत का नवंबर अंक (दीपावली ...
2 weeks ago
टूटना
ReplyDeleteबिखरना
परिभाषाएं खो देना
कब हुए पर्याय - जुड़ जाने के ?
मैं का ताउम्र मै को ही टुकड़े-टुकड़े तराशते रहना, जोड़्ते रहना, तलाशते रहना भी उतना ही दर्द है..
शब्द-विन्यास ऐसा है जैसे कि काँच का कीमती गुलदस्ता छन् से फ़र्श पर टूट कर बिखर गया हो...अद्भुत
बेहतरीन अभिव्यक्ति..सुंदर रचना..बधाई
ReplyDeleteबहुत ही उम्दा रचना।
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